छोड़ फिक्र दुनिया की चल मदीने चलते है! मुस्तफा गुलामो की किस्मते बदलते है! रहमतों की चादर के सर पर साये चलते है! मुस्तफा के दीबाने घर से जब निकलते है! सिर्फ…
सरकारे गौसे आजम नजरें करम खुदारा मेरा खाली का सा भरदो मै फकीर हूँ! तुम्हारा झोली को मेरी भरदो वरना कहेगी ये दुनिया ऐसे सखी का मंगता फिरता है! मारा मारा सबका…
हर एक सुन्नी से लप पर है! तराना आला हज़रत का बढ़ा ज़ीशान है! उलमी घराना आला हज़रत का फकाबत मै बढ़ा ही इम्तियाजी इनका रुतवा है! फतबये रिजबिया है! एक खजाना…