मेरी झोली मै रहते है! सदा टुकड़े मोहम्मद के नात सरीफ lyrics

मेरी झोली मै रहते है! सदा टुकड़े मोहम्मद के 
अजल से खा रहा है! ये गदा टुकड़े मुहम्मद के 


पढ़ी है! किया मुझे साहो के दर से मांगू मै 
खिलाता है! मुझे मेरा खुदा टुकड़े मुहम्मद के 


उन्हें खाकर अबुबकर व उमर व उस्मान बनते है! 
की रुतबे मै खुदा कुछ ऐसे है! टुकड़े मोहम्मद के 


मेरे मोला अली व फातमा हसनैन के सदके 
मेरी नस्लों को भी करना अता टुकड़े मुहम्मद के 


है! सेरे इल्म आका अली उसका है! दरबाजा 
तू दरबाजे से आ और खाये जा टुकड़े मोहम्मद के 


तेरा दामन कभी अलताब खाली हो नहीं सकता 
की देते है! तुझे आले अबा टुकड़े मोहम्मद के 

Writter :- हसीन मुसीर अहमद कादरी नक्सबंदी भुजपुरा अलीगढ 

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