तौवा का बयान नंबर 2 Tova Ka Bayan Number 2 Lyrics

(खानकाहे मुसीरिया)

कुरआन सरीफ के सोल्वे पारे मै सुरये मरयम के चौथे रुकू मै आयत नंबर 20 मै अल्लाह तआला इरशाद फरमाता है!

तर्जुमा :-

हा जिसने तौवा की और ईमान लाया और नेक अमल किये! तो ऐसे लोग जन्नत मै दाखिल होंगे! और उनका जरा भी नुक्सान ना किया जायेगा!

हदीस :-

हज़रत अबु सईद खिर्री रजिअल्लाहो अनहो कहते है! की हुज़ूर सल्लल्लाहो तआला अलैहे बसल्लम ने फ़रमाया! तुमसे पहले लोगो (यानि बनी इसराइल मै) एक शख्स था! जिसने निनयानवे आदमियों को कतल किया था! उसने लोगो से पुछा की दुनिया मै सबसे बढ़ा आलिम कौन है! उसको एक राहिब का पता दिया गया! वो शख्स उस आबिद के पास पहुंचा!

और उसने कहा मैंने निनयानवे आदमियों का कतल किया है! किया मेरी तौवा क़ुबूल हो सकती है! उस आबिद ने जबाब मै कहा की नहीं हो सकती है! ये सुन कर उसने आबिद को भी मार डाला और पूरी सो की तादात करली उसके बाद उसने पुछा की दुनिया मै सबसे बड़ा आलिम कौन है! उसको एक आलिम का पता दिया गया! उसने उसके पास पहुंच कर कहा!

मैंने सो आदमियों को कतल कर दिया है! तो किया मेरी तौवा क़ुबूल हो सकती है! तो उस आलिम ने कहा हा हो सकती है! तुम्हारे और तुम्हारी तौवा के बीच कोई चीज हाईल नहीं हो सकती तुम फला बस्ती मै जाओ वहां तुमको कुछ लोग खुदा की इबादत करते हुए मिलेंगे! तुम भी उनके साथ खुदा की इबादत करो और अपनी बस्ती मै बापस आ जाओ चुनानचे वो शख्स

इस बस्ती की तरफ रबाना हो गया अभी आधा रास्ता भी ते ना हुआ था! की मौत ने उसको पकड़ लिया! उसकी मौत के बाद रहमत के फरिश्तो ने कहा ये शख्स तौवा करके खुदा की तरफ मुताबज्जे होकर आया है! इस लिए इसकी रूह को हम ले जायेंगे अजाब के फरिश्तो ने कहा इस शख्स ने कभी कोई नेक काम नहीं किया इसलिए इसकी रूह को हम लेकर जायेंगे!

आखिर एक फरिस्ता आदमी की सकल मै उनके झगढ़े का फैसला करने आया और रहमत और अजाब के फरिश्तो ने उसको अपना हकीम फैसला करने बाला मुकर्रर कर लिया उसने कहा की दोनों तरफ की ज़मीनो को नापो जिधर का रास्ता उस शख्स के करीब हो! उसको उसी की जानिब सुमार करलो यानि अगर वो जगह उस शख्स के करीब है!

जहा से वो चला है! तो ये गुनहगार है! इसलिए की नेकी का मुकाम इससे दूर है! अगर वो मुकाम करीब है! जिधर वो जा रहा था! तो फिर ये गुनहगार नहीं है! इसलिए की गुनाह के मुकाम से दूर और नेकी के मुकाम के करीब पहुंच गया चुनानचे ज़मीन को नापा गया तो उस जगह को करीब पाया गया जिधर वो जा रहा था! और रहमत के फरिश्तो ने उसकी रूह को अपने कब्जे मै कर लिया

जब इस शख्स को मौत ने पकड़ लिया था! तो वो सीने के बल यानि घसीटते हुए कुछ आगे बढ़ गया था! ताकि वो उस मुकाम के करीब हो जाए जहा वो जा रहा था! और एक रिबायत मै है! तो जब ज़मीन को नापा गया तो इबादत गुज़ार लोगो की आबादी का फासला सिर्फ एक बालिस्ट करीब था! इसलिए इसको नेक लोगो की आबादी मै सुमार कर लिया गया! और

और एक रिबयत मै है! जब इस शख्स को दरमियाँ राह मै मौत आ गयी तो खुदा ने ज़मीन को हुक्म दिया वो ज़मीन जिधर से वो आ रहा था! दूर हो जाए! जिधर वो जा रहा था! करीब हो जाए!

हबाला :- मुस्लिम सरीफ जिल्द (2) सफा (207) बुखारी सरीफ जिल्द (2) सफा (185) पारा (14) मिसकात सरीफ जिल्द (1) सफा (383)

ऐ मेरे अज़ीजो दोस्तों देखा तौवा का फल की इसकी जिंदगी भर के गुनाह बख्स दिए गए! वो डाकू था! कातिल था! सब कुछ था! लेकिन दिल मै नादामत आयी! और दिल के साथ अपने मालिक की तरफ झुक गया! तो रहमत खुदा बंदी ने उसको अपने दामन मै ले लिया! खुदा की रहमत तो बन्दे के बहुत करीब रहती है! लेकिन हम उससे दूर भाग रहे है! यही हमारी जहालत

writter :- हसीन मुसीर अहमद कादरी नक्सबंदी भुजपुरा अलीगढ

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