सरकारे गौसे आजम नजरें करम खुदारा गोसे आज़म की मंकवत

सरकारे गौसे आजम नजरें करम खुदारा 
मेरा खाली का सा भरदो मै फकीर हूँ! तुम्हारा 


झोली को मेरी भरदो वरना कहेगी ये दुनिया 
ऐसे सखी का मंगता फिरता है! मारा मारा 


सबका कोई ना कोई दुनिया मै आसरा है! 
मेरा बुजुज तुम्हारा कोई नहीं सहारा 


मोला अली का सदका गँजे सकर का सदका 
मेरी लाज रखलो या गोस मै फकीर हूँ! तुम्हारा 


दामन पसारे दर पर लाखो बली खड़े है! 
होता है! तेरे दर से कोनेन का गुजारा 


मीरा बने है! दूल्हा महफिल सजी हुयी है! 
सब औलिया है! बाराती किया खूब है! नजारा 


ये तेरा करम है! या गोस की बुला लिया है! दर पे 
कहा रूसिया फरीदी कहा आस्ताना तुम्हारा 

Writter :- हसीन मुसीर अहमद कादरी नक्सबंदी भुजपुरा अलीगढ

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