मीरा बलियो के इमाम
देदो पंजतन के नाम
हमने झोली है! फैलायी बढ़ी देर से
डालो नजरें करम सरकार
अपने मंगतो पे एक बार
हमने महफिल है! सजाई बढ़ी देर से
मेरे चाँद मै सदके आजा इधर भी
चमक उठे दिल की चमक गौसे आजम
मीरा बलियो के इमाम
देदो पंजतन के नाम
हमने झोली है! फैलायी बढ़ी देर से
तेरे रब ने मालिक किया तेरे जद को
तेरे दर से दुनिया पली गौसे आजम
मीरा बलियो के इमाम
देदो पंजतन के नाम
हमने झोली है! फैलायी बढ़ी देर से
तेरा रूटवा आला न कियु होके मोला
तू हाल इब्ने मोला अली गौसे आजम
मीरा बलियो के इमाम
देदो पंजतन के नाम
हमने झोली है! फैलायी बढ़ी देर से
कदम गर्दने औलिया पर है! तेरा
तू है! रब का ऐसा वली गौसे आजम
मीरा बलियो के इमाम
देदो पंजतन के नाम
हमने झोली है! फैलायी बढ़ी देर से
तुम जो बनाओ बात बनेगी
दोनों जहा मै लाज रहेगी
लजपाल करम अब करदो मंगतो की झोली भरदो
भरदो कासा सब की पंजतानी खैर से
मीरा बलियो के इमाम
देदो पंजतन के नाम
हमने झोली है! फैलायी बढ़ी देर से
कहा हमने या गोस अघिसनी तो तुमने
हर हाल मुसीबत टाली गौसे आजम
मीरा बलियो के इमाम
देदो पंजतन के नाम
हमने झोली है! फैलायी बढ़ी देर से
मुश्किल जब भी सर पर आयी
तेरी रहमत आड़े आयी
जब मैंने तुम्हे पुकारा
काम आया तेरा सहारा
चलता आसी का तेरी खैर से
मीरा बलियो के इमाम
देदो पंजतन के नाम
हमने झोली है! फैलायी बढ़ी देर से
फ़िदा तुम पर हो जाये ये नूरी मुजतर
ये है! इसकी दिली खुआइस गौसे आजम
मीरा बलियो के इमाम
देदो पंजतन के नाम
हमने झोली है! फैलायी बढ़ी देर से
Writter :- हसीन मुसीर अहमद कादरी नक्सबंदी भुजपुरा अलीगढ