फलक के नजारों जमीं की बहारो सब ईदे मनाओ हुज़ूर आ गए है!
उठो गम के मारो उठो बे सहारो ख़वर ये सुनाओ हुज़ूर आ गए है!
अनोखा निराला वो ज़ीशान आया! सारे रसूलो का सुल्तान आया!
अरे कज कला हुआ! अरे बादसाहो निगाहे झुकाओ हुज़ूर आ गए है!
हुआ चार सू रहमतों का बसेरा उजाला उजाला सबेरा सबेरा
हलीमा को पहुंची खबर आमना की मेरे घर मै आओ हुज़ूर आ गए है!
हबाओ मै जज्बात है! मरहबा के फजाओ मै नगमात सल्ले अला के
दुरूदो के गजरे सालामो के तोहफ़े जुबान पर सजाओ हुज़ूर आ गए है!
सम्मा है! सुनाये सहब खुदा का ये मिलाद है! सरबरे अम्बिया का!
नवी की गदाओ सब एक दुसरे को गले से लगाओ हुज़ूर आ गए है!
कहा मै जाहूरी कहा उनकी बाते करम ही करम है! दिन और राते!
जहा पर भी जाओ दिलो को झुकाओ यही कहते जाओ हुज़ूर आ गए है!
हुज़ूर आ गए है! हुज़ूर आ गए है! हुज़ूर आ गए है! हुज़ूर आ गए है!
Writter :- हसीन मुसीर अहमद कादरी नक्सबंदी भुजपुरा अलीगढ़