ऐ शेरे खुदा तुझ जैसा वली कोनेन मै दूजा कोई नहीं
असहाब मआरिफ कहते है! जाहिद तेरे जैसा कोई नहीं
तू जुद व सखा का पैकर है! मशहूर है! तेरी लुत्फ़ व अता
इस्लाम के खातिर तेरा पसर सर अपना कटाया कर्बल मै
बेटे की तरह तेरे मोला अली कोनेन मै बेटा कोई नहीं
तो बाब उखाढ़ा खैबर का तो पल मै पछाड़ा मरहब को
तुझ जैसा बहादुर दुनिया मै ऐ दाताओ आका कोई नहीं
तू शेरे खुदा तू मर्द जरी तू हक़ का निशा तू हक़ के करी
तू अपने कमाल मै सबसे जुदा संसार मै तुझ सा कोई नहीं
इस सैफ हजे के पास अली सामान नहीं है बक्शीस का
बस आस तुम्ही से लगाया हूँ! और मेरा सहारा कोई नहीं
Writter :- हसीन मुसीर अहमद कादरी नक्सबंदी भुजपुरा अलीगढ