ऐ ज़ेहरा के बाबा सुने इल्तिजा मदीना बुला लीजिये!
कही मर ना जाये! तुम्हारा गदा मदीने बुला लीजिये!
सताती है! मुझको रुलाती मुझको
ये दुनिया बहुत आजमाती है! मुझको
हूँ! दुनिया की बातो से टूटा हुआ! मदीने बुला लीजिये!
बढ़ी बे कसी है! बढ़ी बे करारी
ना कट जाये आका ये उम्र सारी
कहा जिंदगानी का है! कुछ पता मदीना बुला लीजिये!
ये एहसास है! मुझको मै हूँ! कमीना
हुज़ूर आप चाहे तो जाऊ मदीना
गुनाहो के दल दल मै हूँ फसा मदीना बुला लीजिये
मै देखु वो रोजा मै देखु वो जाली
बुला लीजिये मुझको भी सरकारे आली
कहा जाये आका ये मंगता भला मदीने बुला लीजिये
वो रमजान तेरा वो दालान तेरा
वो अज़वा वो जमजम ये मेहमान तेरा
तेरे दर पर इफ्तार का वो मजा मदीना बुला लीजिये
जहा के सभी जर्रे समसो कमर है!
जहा पे अबु बकर उस्मान उमर है!
जहा जलवा फरमा है! हमज़ा चाचा मदीना बुला लीजिये
हुआ है! जहा से जहा ये मुनब्बर
जहा आये जीबरील कुरआन लेकर
मुझे देखना है! वो गारे हिरा मदीना बुला लीजिये
जिसे सब है! कहते नकी खान का बेटा
वो अहमद रजा है! बरेली मै लेता
उसी आला हज़रत का है! वास्ता मदीना बुला लीजिये
अता हो वकी मै ये ज़ेहरा का सदका
मुझे मौत आये वही काश आका
पढ़ा दे वही पर जनाजा मेरा मदीना बुला लीजिये
करम कर दिया है! ये खुआजा पिया ने
जो मिसरे लिखें सफात मिया ने
करें दर गुजर जो हुयी हो खता मदीना बुला लीजिये
Writter :- हसीन मुसीर अहमद कादरी नक्सबंदी भुजपुरा अलीगढ