ऐ इब्ने अली ऐ नूरे अली या अब्दुल कादिर जिलानी
तू रब का वली रब तेरा वली या या अब्दुल कादिर जिलानी
सखियों के सखी वलियो के वली या अब्दुल कादिर जिलानी
तू आलीमे इल्म खफी व बली या अब्दुल कादिर जिलानी
हर गोस व क़ुतुब हर एक वली या अब्दुल कादिर जिलानी
करता है! हमेशा मदह तरी या अब्दुल कादिर जिलानी
अज फर्श जमीं ता अर्श बरी सहदा है! तेरा चर्चा है! तेरा
किया शान है! तेरी ऐ जल्ले नवी या अब्दुल कादिर जिलानी
आप आके कहे खुआबो मै मेरे दिखला के रूखे अनबर की झलक
कर दीजिये मुनब्बर दिल की गली या अब्दुल कादिर जिलानी
मुश्किल ने मुझे जब घेर लिया फिर जो ही मैंने तेरा नाम लिया
मुश्किल मै मेरी मुश्किल ही पढ़ी या अब्दुल कादिर जिलानी
Writter :- हसीन मुसीर अहमद कादरी नक्सबंदी भुजपुरा अलीगढ