अस्सलामु अलइका या नूर अल हुदा नात सरीफ

अस्सलामु अलइका या नूर अल हुदा
 अस्सलामु अलइका या नूर अल हुदा


आये प्यारे नवी हर तरफ थी खुशी 
चार शु सोर था! मरहवा मरहवा 


धूम सल्ले अला की मची चार शू 
आ गए मुस्तफा मरहवा मरहवा 


अस्सलामु अलइका या नूर अल हुदा
अस्सलामु अलइका या नूर अल हुदा


पुरनूर है! जमाना सुबहे सवे बिलादत 
पर्दा उठा है! किसका सुबहे सवे बिलादत


आयी नयी हुकूमत सिक्का नया चलेगा 
आलम ने रंग बदला सुबहे सवे बिलादत


ठंडी ठंडी हवा महकी महकी फजा 
गुनगुनाती सवा मरहवा मरहवा 


फूल खिलने लगे नात कहने लगे 
हर सजर झूम उठा मरहवा मरहवा 


अस्सलामु अलइका या नूर अल हुदा
अस्सलामु अलइका या नूर अल हुदा


नूरी महफिल पे चादर तनी नूर की
 नूर फैला हुआ आज की रात है 


चांदनी मै है! डूवे हुए दो जहा 
कौन जलवा नुमा आज की रात है! 


मांगलो मांगलो चश्मे तर मांगलो 
दर्दे दिल और हुस्ने नजर मांग लो 


सब्ज गुमबद के साये मै घर मांगलो 
माँगने का मजा आज की रात है! 


अस्सलामु अलइका या नूर अल हुद
अस्सलामु अलइका या नूर अल हुदा


जसने बिलादत आ गया 
चलो आमना के घर चलो 


चलो आमना के घर चलो 
चलो आमना के घर चलो 


चार शू चांदनी हर तरफ रोशनी 
जा बजा नूर था मरहवा मरहवा 


ईद ऐ मिलाद है! किश कदर शाद है! 
कल्ब अत्तार का मरहवा मरहवा 


अस्सलामु अलइका या नूर अल हुदा
अस्सलामु अलइका या नूर अल हुदा

Writter :- हसीन मुसीर अहमद कादरी नक्सबंदी भुजपुरा अलीगढ

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